बुधवार, 18 अप्रैल 2018

बोतल शराब की

बोतल शराब की भी,मशहूर हो रहा है,

कोई विस्की पी रही है,रम कोई पी रहा है। 

रो-रो के जीने वाले,हँस-हँस के पी रहा  है

कोई गम में पी रहा है ,कम-कम में पी रहा है। 

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रो-रो के जीने वाले,हँस-हँस के पी रहा  है
हँस-हँस के पी रहा है,मर-मर के जी रहा है। 
**********
तुम जो सामने बैठो नशे की क्या जरुरत है 
मैं मय से कह रहा हूँ,मयआँखों से पी रहा हूँ।  
रो-रो के जीने वाले,हँस-हँस के पी रहा  है
*************
सादगी और भी होगी, नाराजगी और ही होगी,
बहाना क्या बहस में,हक़ीक़त कुछऔर ही होगा 
********
तुम जो सोचो, मैं क्यों कह दू 
काबिल हो बता क्यों नहीं देते।
********* 
रो-रो के जीने वाले,हँस-हँस के पी रहा  है

हँस-हँस के पी रहा है,मर-मर के जी रहा है। 
रो-रो के जीने वाले,हँस-हँस के पी रहा है

रविवार, 15 अप्रैल 2018

शहर सुनसान क्यों

शहर सुनसान क्यों,गलियां वीरान हो गए,  
मुझे आज लगता है सब भगवान हो गए। 
खबर तो होता मौसम सूरज चाँद तारों का 
लगता है इसीलिए सब आसमान हो गए। 

गुरुवार, 12 अप्रैल 2018

बुधवार, 11 अप्रैल 2018

आशियाना यहीं का

घर हर जगह होगा मगर 
आशियाना यहीं का होगा 

मदहोश फिरता है तस्वीर लेकर 
आशिक़ाना यहीं का होगा 

आशिक़ हो मगर आबारा नहीं 
दीवाना यहीं का होगा 

हँस मत हसीन हो इस क़दर 
अफसाना यहीं का होगा 

बात हर बार कुछ ऐसी रही 
मस्ताना यहीं का होगा 

आदमी को न मय की औकात थी 
मयखाना यहीं का होगा 

शायर हुआ हो गया मैं "फना"
शायराना यहीं का होगा 
Fanaa Akshay

सोमवार, 9 अप्रैल 2018

वफाओं का सिला देना.......

नजाकत और क्या होगी ,ये नगमा भाव तो है बस,
अगर खुद को न समझो तो,खुदा को कैसे  समझ लोगे।


मेरी कमजोरी ...............

रास आई नहीं मेरी आदत,
मेरी कमजोरी बन गई ताक़त।

अब हमें बोझ क्यों बताते हैं,
मुझे हर रोज क्यों सुनाते हैं,
बदल रही है किसी की फितरत।

क्या समझें कैसे समझाऊ ,
दिल को कैसे-कैसे मनाऊ ,
करते नहीं हैं किसी से शिकायत। 

क्यों नशीहत शराब का बताते हो,
है ये आदत बुरी क्यों पिलाते हो,
गम है किसका हुई किस की चाहत। 


रविवार, 1 अप्रैल 2018

पैसे को जबसे........

पैसे को जबसे उड़ा मैं रहा हूँ 

तबसे जहर मैं पी रहा हूँ 

ख़रीदा नहीं कुछ जहर के अलावा 
है मालूम मगर फिर भी पी रहा हूँ 

पैसो से रिश्ता हमने जबसे बनाया 
पैसो की तरह मैं भटक जा रहा हूँ 

जिंदगी न रही न है जीने की हसरत 
जबसे पैसो की दुनिया में आ गया हूँ 

जहर का असर होता कुछ भी नहीं है 
पल दो पल में नहीं मैं मरा जा रहा हूँ 

हश्र-ए-दौलत को अब क्या कहूं मैं 
ख़रीदा जिसे उसी में लूट जा रहा हूँ 

"फना" दिल में खोजो न अपनी जगह को 
पैसा-ए-दिल कोठे पे उड़ा आ रहा हूँ 

मंगलवार, 27 मार्च 2018

तेरे याद में ....................

                                                 
                                                    तेरे याद में कविता
कितने ग़ज़ल लिखेंगे।
बातें सियाही से हम 
कागजो पे जब लिखेंगे। 

लायक कभी न होता 
लायक बनाके देखो, 
गुलामी भी दाद देगी 
वफ़ा इतना हम करेंगे।

पूछते हैं कौन है ये 
कातिल अगर न होता 
बतला तुझे भी देता 
अक्षय(सब ) फना कहेंगे।



सोमवार, 26 मार्च 2018

दीद की हर..........

दीद की हर बात को मैं दाद दे रहा हूँ,
आपकी यादों  को थोड़ा साथ दे रहा हूँ।  
दुश्मन है अगर वो नफरत ही सही, 
पल जो गुजरें  हैं उनको खाद दे रहा हूँ।

वो भी नशीहत दिए..............

वो भी नशीहत  दिए थे मर जाते तो अच्छा होता ,
मिला दिए खाख में मुझको आज पहाड़ हो गया हूँ। 

रविवार, 25 मार्च 2018

जिन्दा-दिली से ........

बातें जीने -मरने का करते  हैं  बहुत,
जिन्दा-दिली से ज़िन्दगी जीने वाले।

मुआफ  र देते हैं सारे गुनाह मेरे 
उन्हें जल्दी है खुदा मिलने वाले 


शुक्रवार, 23 मार्च 2018

दिल में तस्वीर.........

दिल में तस्वीर छुपाये फिरता हूँ 
रब का दर है,बार-बार गिरता हूँ 

झुक के समझो खुदा की रहमत को 
न मैं डरा हूँ न किसी से डरता हूँ 

दिल का सौदा है किसी से कर आओ 
उसी से जीता हूँ  उसी पे मरता हूँ 

हम भी शायर है ग़ज़ल  भी होंगे "फना" 
आँखों में पानी नहीं लाल लहू भरता हूँ 
HEAR MIND AND HEART

गुरुवार, 22 मार्च 2018

मंज़िल पाने की.................

मंज़िल पाने की ललक,
       न जाने क्या-क्या सीखा दिया। 
सो लेता हूँ काटो पे,
     कभी जमीं को गले लगा लिया। 

मंगलवार, 20 मार्च 2018

नामवर हैं वो..................

भगवान हैं वो,   

नदारद कैसे करें ।

मिलने को उनसे लोग                

कतारों में खड़े है।


x

सोमवार, 19 मार्च 2018

रिवायत .................

बुरे तुम नहीं  बदगुमां  मैं भी  नहीं


फिर ये बगावत कैसी।


सुकूँ तुम्हें भी नहीं दर्द मुझे भी नहीं 
फिर ये मोहब्बत कैसी। 

मैं हिन्दू हूँ तू मुस्लिम है,
वो सिख है कोई इशाई 
फिर ये सियासत  कैसी। 

मैं कुफ्र हूँ तू पाक़ है 
फिर ये शिकायत कैसी।

"फना" कह दिया तुम सोचा भी नहीं 
फिर ये काबिलियत कैसी। 


गुरुवार, 15 मार्च 2018

मैं हवाओ से दिल लगाया हूँ

मैं हवाओ से दिल लगाया हूँ 

है यही राज़ जो छुपाया हूँ 

सोचूं भी तो किसे सोचूं 
हर रंग में तुझको पाया हूँ 

जब तुम साथ मेरे होते हो 
वतन-ए-मौज़ को ले पाया हूँ 

न शहर न कोई वतन जिसका 
जिस जगह चाहा वहां पाया हूँ 

ऐसा रिस्ता तुम्ही से क्यों मेरा 
हरेक साँस में तुझको पाया हूँ 

तुम जो रूठोगे साँस छूटेगी 
तुम्हीं से ज़िन्दगी जो पाया हूँ 

तूफां  बनकर न बुझा दिल-ए-अरमां 
करीब इतना न किसी को लाया हूँ 

चाहत उनका ही रहता है "फना"
हर चाह में उनको चाहा हूँ 

शुक्रवार, 9 मार्च 2018

कशिश-ए-दिल की

Kashis-a-dil ki tapish kabhi mit jataDil lgane se gum-e-dil mit jata.कशिश-ए-दिल की तपिश कभी  मिट जाता दिल लगाने से गम-ए-दिल  मिट जाता 

Jo dil lgaya hi nahi use kya ptaDil milte hai to kya kya mit jata

जो दिल लगाया ही नहीं उसे क्या पता 
दिल मिलते है तो क्या-क्या मिट जाता 


Meri chaht nahi jism-e-pyali kvi
Dil ka tarash jo kavi mit jata
मेरी चाहत नहीं जिस्म-ए-प्याली कभी 
दिल का तरस जो कभी मिट जाता 

Pyar pooja hai to karta hu mai
Dil badalne se kya rista mit jata..
प्यार पूजा है तो करता हु मैं 
दिल बदलने से क्या रिश्ता मिट जाता 

मंगलवार, 6 मार्च 2018

तेरी आँखों में ....

Teri aankhon me chand suraj v hota hai,
aaj pta lga,
ak shaqs ka kitna murat hota hai.


तेरी आँखों में चाँद सूरज भी होता है,
आज पता लगा,
एक शक़्स का कितना मूरत होता है

गुरूर मुझमे भी है ........................

Guroor mujhme v hai, 
Magar jina nh aata.
गुरूर मुझमे भी  है ,
मगर जीना नहीं आता। 

Hashrat hai mar mite,
Jahar pina nh aata
हशरत है मर मिटे ,
जहर पीना नहीं आता। 

बुधवार, 28 फ़रवरी 2018

हर रंग में holi....


हर रंग में घुल जाते है ,
हर रंग को भूल जाते है। 

बात ही कुछ ऐसी है होली में ,
सब जात-पात धूल जाते है। 




गुरुवार, 22 फ़रवरी 2018

कभी सोचा नहीं आंख-ए-नम होगी

दूर जाने का गम इस कदर होगी 


कभी सोचा नहीं आंख-ए-नम होगी 

खुशनुमा ज़िन्दगी थी अभी तक मगर 
कभी सोचा नहीं शाम-ए-गम होगी 

सोचा न था रात तन्हाई का 
रात मुश्किल भरी इस क़दर होगी 

सोचता हूँ कभी क्यों ऐसा किया 
फ़क़त मज़बूरियां रही होगी 

निगाहें मिले जो कभी फिर बताना 
कभी शर्म से नज़रे ख़म होगी 

गम न कर दूर चला जाऊंगा 
कभी याद ज्यादा बातें कम होगी 

सिलसिला हो गया आने-जाने का अब 
कभी प्यार में इतना दम होगी 

शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2018

इश्क़ है इश्क़...................


इश्क़ है इश्क़, 

कायेनात बदल जाते हैं । 

इसमें हर इंसान, 
लाचार नज़र आते हैं । 

जो भी आता है,दिल जोड़ जाता है,
तोड़कर रिश्ते
फ़रिश्ते को भूल जाते हैं। 
  
ये भी वक़्त है,वज़ूद जिसका न कोई 
रब पहले से ,
तक़दीर लिख जाते हैं 

जोर क्या इश्क़ में दिल पे किसी का 
जो होना है 
नसीब से  हो जाते हैं। 

इंसानियत है ही नहीं......

             WRITTEN and COMPOSED
               🅰🅺🆂🅷🅰🆈 🆁🅰🅽🅹🅰🅽

कैसी-कैसी आफ़ते बदनाम क्या होता 

इंसानियत है ही नहीं,इंसान  क्या होता 

लोग अब हमें मिलकर पैगाम देते हैं,
आदमियत है ही नहीं,ईमान क्या होता 


पूछते -पूछते वो सवाल हो गए मेरे 
प्रश्न रहा ही नहीं ,इम्तहान क्या होता 

शौक -ए-जिंदगी मकशद हो गई है 
सवालात ज़िन्दगी का,जवाब क्या होता 

इंतजार -ए - आलम और जाने क्या -क्या 
रात गुजरी ही नहीं ,दिन क्या होता 


हम ही काफी है "फना "जहां के लिए 
हम रहे ही नहीं ,जमाना क्या होता 

शुक्रवार, 2 फ़रवरी 2018

यादें बरसात आज रात करो ,

यादें बरसात आज रात करो ,

साथ भींगने की हालात करो।  

(१ )छुपाओ न हमें इन अंधेरो में, 
साथ मिलने की फ़िराक़ करो। 

साथ भींगने की हालात करो

(२ )अपनों में गैर हो गए तुमसे,
खफा-खफा ही मुलाक़ात करो। 

साथ भींगने की हालात करो। 

(३ )"फना"आज की रात कोई जादू कर,
साथ उनके ही दिन-रात करो। 

साथ भींगने की हालात करो। 

रविवार, 28 जनवरी 2018

तुम जो मिले हो..................

HmH  byFanaa Akshay RanJan
मुखड़ा➤तुम जो मिले हो इस क़दर, 
सांसो में बस गए हो तुम। 
जब भी किया ख्याल तो,
खुशबू सी बिखर गए हो तुम। 

(१ )पैगामे -वफ़ा न कीजिये 
करते हैं सब ही प्यार में,
बनकर किताबे-ज़िन्दगी 
पन्नो में खुल गए हो तुम 

जब भी किया ख्याल तो,
खुशबू सी बिखर गए हो तुम। 

(२ )जिस्मो अदा न कीजिये 
बिकते है जो बाजार में 
बनकर एहसान-ए-मुस्तक़िल 
होठों पे बस गए हो तुम 

जब भी किया ख्याल तो,

खुशबू सी बिखर गए हो तुम।


(३ )नाज़ो-नअम न कीजिये 
खुल्दे-मोहब्बत परवाज़ में 
बनकर क़लाम-ए-आशिक़ी 
ग़ज़लों में बस गए हो तुम 


जब भी किया ख्याल तो,
खुशबू सी बिखर गए हो तुम। 
तुम जो मिले हो इस क़दर, 
सांसो में बस गए हो तुम। 

शनिवार, 27 जनवरी 2018

तेरी बातें by "fanaa"

तेरी बातें किताबें  होने का अंदाज़ रखता है 
पढ़ना कम ज्यादा रुलाने का अंदाज़ रखता है 

जुवां खामोश,आँखों में आंसू,घुटन और क्या होता 
दिल को कागज़ बनाने का अंदाज़ रखता है 

सोमवार, 22 जनवरी 2018

ishq ke bazar me

  • Ishq ke bazaro me aitbar nh bikata,
  • Maznoo  bante ho to Laila dhundh lao...


उनको न चाहूं तो........

उनको न चाहूं तो क्या करु  


Unko na chahun to kya karu,
koi aur chahe bura kyo Lge.....

Duniya ki nazro se chhupa na saku,

Apni nazre milau,bura kyo lge....
उनको न चाहूँ तो क्या करूँ 
कोई और चाहे बुरा क्यों लगे 
दुनियां की नज़रो से छुपा न सकूँ 
अपनी नजरें मिलाऊ ,बुरा क्यों लगे  

शनिवार, 20 जनवरी 2018

उनकी चाहत हो ऐसी.......by Akshay"fanaa"

HMH Akshay RanJan: उनकी चाहत हो ऐसी......
.by- Akshay"fanaa":  

Unki chahat ho aisi to hum kya krein,  
Chhodna unki chahat to hum kya krein.  
Sanware manaye zindagi ki tarah,
Ruthna unki adat to hum kya karein.

 (1)sambhal na sake mujhse bichhad kar, 
      Aj wo gir gaye to hum kya karein.
      Ruthna unki adat to hum kya karein.

(2)Jannat se nawaza din-rat jise,
     Wo hi narak chahe to hum kya karein.
      Ruthna unki adat to hum kya karein.

(3)Har chaht hamari batati kisi se
    Har aadat chhupaye to hum kya karein
    Ruthna unki adat to hum kya karein.

(4)Malum hai wo bhul nh sakte "fanaa"
     Bhulna unki chaht to hum kya karein
Chhodna unki chahat to hum kya krein.  


Unki chahat ho aisi to hum kya krein,  
Chhodna unki chahat to hum kya krein.
Ruthna unki adat to hum kya karein.

शुक्रवार, 19 जनवरी 2018

ऐसे न करो.......


    🅰🅺🆂🅷🅰🆈 🆁🅰🅽🅹🅰🅽


     ऐसे न करो मेरी जां अभी,

     मैं कभी भी कहीं न मर जाऊंगा। 
हो तमन्ना मेरी दिलकशी दिलनबी, 
तुझको खोकर कहीं न बिखर जाऊंगा। 
मैं कभी भी कहीं न मर जाऊंगा।.......

गुरुवार, 18 जनवरी 2018

Mere masook ke nam.............


  • Laye the dhuan banane ke liye,
  • Dekhte-dekhte hawa ho jati hai.
  • लाये थे धुआं बनाने के लिए 
  • देखते-देखते हवा हो जाती है 
  • .
  • Tum v dosti kr lo hawao se,
  • Afwahe hawa ho hi jati hai.
  • तुम जो दोस्ती कर लो हवाओ से 
  • अफवाहे हवा हो ही जाती है

    Shaukh rakhte hai hawa ban jane ki,
  • jinko malum hai andhiya buniyad mita jati hai.
  • शौख रखते है हवा बन जाने की 
  • जिनको मालूम है आंधियां बुनियाद मिटा जाती है 
  • Jab v jhund kauwo(crow) ki dikhai deti hai,
  • samajh me ata hai sahar me  tabahi kis kis pr aati hai.
  • जब भी झुण्ड कौओ की दिखाई देती है 
  • समझ में आता है तबाही किस-किस पर आती है 

  • Kaun chahta hai paresan ho jindagi apni,
  • jaise mehman aate hai khushiyan sath aati hai.
  • कौन चाहता है परेशान हो जिंदगी अपनी 
  • जैसे मेहमान आते हैं खुशियां साथ आती है 

  • Ji krta hai samundar ki lahron se takra jau,
  • Mere masook ke nam reto pr mita kr laut jati hai
  • जी करता है समुन्दर की लहरों से टकरा जाऊ 
  • मेरे मासूक के नाम रेतो पर मिटा कर लौट जाती है 

बुधवार, 17 जनवरी 2018

आँख के आँसू नहीं ये.........

आँख के आँसू  नहीं ये,
क्या बताऊ दोस्तों। 
हर बूंद में इक दर्द है,
कैसे छुपाऊ दोस्तों। 

उनसे अगर दूर मैं 
जाता  रहा जाता  रहा ,
कुछ तो कमी थी प्यार में 
कैसे निभाउ दोस्तों 

हर हकीकत ख़्वाब अब 
कैसे हुआ कैसे हुआ 
दीये-दिल ही बुझ गए 
कैसे जलाऊ दोस्तों 

बिछड़ के तुमसे पता लगा 
रंगते इश्क़ चीज क्या 
रहमत खुदा का न हुआ 
कैसे मनाऊ दोस्तों 

तौहीन न हो इश्क़ की 
तबाही मिले मिट जाने दो 
हौशले मिट जाने को है 
कैसे बचाऊ दोस्तों।

हर बून्द में इक दर्द है 
कैसे छुपाऊ दोस्तों,
आँख के आँसू नहीं ये 
क्या बताऊ दोस्तों। ......fanaa's Remembrance
written and composed
Akshay Ranjan
.



मंगलवार, 16 जनवरी 2018

Fanaa's Remembrance(HMH)

शहर ने शाम का  कहर भुला दिया 
अशार-ए-गम ने फिर से रुला दिया
न सोया गया ,न रोया गया
एहसान-ए-एहसास ऐसा करा दिया

रविवार, 14 जनवरी 2018

दस्तूर ही नहीं......

  • Dastur hi nh raha diwana kya rahega
दस्तूर ही नहीं रहा दीवाना क्या रहेगा 
Yad kis-kis ka hai kis-kis ko  kahega

याद किस-किस का है किस-किस को कहेगा 

Is yug me matlab hai kisi ko kisi se
इस युग में मतलब है किसी को किसी से 

Wo bs chah le to bhala hi rahega
वो बस चाह ले तो भला ही रहेगा 

चोरी-चोरी छत पे...........................

चोरी-चोरी छत पे मिले। .... 

चोरी -चोरी छत पे मिले 
ऊपर से हमें चाँद देखा करे 
कोई रिश्ता है उनका चाँद से 
वो आयें तो चाँद आया करे

था अँधेरा बहुत रात को फिर भी यारों
चाँदनी चाँद की आ जाया करे 
कोई रिश्ता है। ......... 

ओढ़ी है  बादल को चादर बनाकर 
जब चाँद को शर्म आया करे 
कोई रिश्ता है......... 

न ज़माने का डर न किसी का "फ़ना" 
जब साथ में चाँद आया  करे 

चोरी -चोरी छत पे मिले ,
ऊपर से हमें चाँद देखा करे
कोई रिश्ता है उनका चाँद से 
वो आये तो चाँद आया करे 
ख्याल :-By-Akshay Ranjan "Fanaa"

Fanaa's Remembrance(HMH) 

शुक्रवार, 12 जनवरी 2018

धूप में ये चांद..


    🅰🅺🆂🅷🅰🆈 🆁🅰🅽🅹🅰🅽

Dhoop me ye chand kidhar nikleJab v niklein to shola nikle.धूप में ये चाँद किधर निकले जब भी निकलें तो शोला निकले (1)

Hogi na shiqayat raton ko kavi,

     Chahe rat chhoti ho batein badi,

     Wo mile to dil-a-arman nikle 

     Jab v niklein to........ 

होगी न शिकायत रातों को कभी 

चाहे रात छोटी हो बातें बड़ी 

वो मिलें तो दिल-ए-अरमां निकले 

जब भी निकलें तो....... 

                            

(2)

Tum to thande ho,kahin pighal jaogi,

      Banke pani sharab me mil jaogi,

      Jarre-jarre se tere tarafdar nikle

      Jab v niklein to.........

तुम तो ठन्डे हो,कहीं पिघल जाओगी 

बनके पानी शराब में मिल जाओगी 

जर्रे-जर्रे से तेरे तरफ़दार निकले 

जब भी निकलें तो.......... 

                               

(3)

Khyal unka hi rahta sab guzar jate hain,

     Unke sajde me shamo-sahar jate hain,

     Din guzarta nh,kaise rat nikle.

ख्याल उनका ही रहता सब गुजर जाते है 
उनके सज्जदे में शामों-सहर जाते है 
दिन गुजरता नहीं कैसे रात निकले 

धूप में ये चाँद किधर निकले 

जब भी निकलें तो शोला निकले  

     Jab v niklein to shola nikle....
     Dhoop me v ye chand kidhar nikle...

बस एक बार

बस एक बार मुझको,मोहलत तो दीजिये, ऐसे कभी बयां न हो, हसरत तो कीजिये। ऐसे कभी बयां न हो, सोहरत तो दीजिये। ****** कब तक कलम उठा के लिखत...

HMH (hear mind and heart)