शुक्रवार, 2 फ़रवरी 2018

यादें बरसात आज रात करो ,

यादें बरसात आज रात करो ,

साथ भींगने की हालात करो।  

(१ )छुपाओ न हमें इन अंधेरो में, 
साथ मिलने की फ़िराक़ करो। 

साथ भींगने की हालात करो

(२ )अपनों में गैर हो गए तुमसे,
खफा-खफा ही मुलाक़ात करो। 

साथ भींगने की हालात करो। 

(३ )"फना"आज की रात कोई जादू कर,
साथ उनके ही दिन-रात करो। 

साथ भींगने की हालात करो। 

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