बुधवार, 11 अप्रैल 2018

आशियाना यहीं का

घर हर जगह होगा मगर 
आशियाना यहीं का होगा 

मदहोश फिरता है तस्वीर लेकर 
आशिक़ाना यहीं का होगा 

आशिक़ हो मगर आबारा नहीं 
दीवाना यहीं का होगा 

हँस मत हसीन हो इस क़दर 
अफसाना यहीं का होगा 

बात हर बार कुछ ऐसी रही 
मस्ताना यहीं का होगा 

आदमी को न मय की औकात थी 
मयखाना यहीं का होगा 

शायर हुआ हो गया मैं "फना"
शायराना यहीं का होगा 
Fanaa Akshay

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बस एक बार मुझको,मोहलत तो दीजिये, ऐसे कभी बयां न हो, हसरत तो कीजिये। ऐसे कभी बयां न हो, सोहरत तो दीजिये। ****** कब तक कलम उठा के लिखत...

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