घर हर जगह होगा मगर
आशियाना यहीं का होगा
मदहोश फिरता है तस्वीर लेकर
आशिक़ाना यहीं का होगा
आशिक़ हो मगर आबारा नहीं
दीवाना यहीं का होगा
हँस मत हसीन हो इस क़दर
अफसाना यहीं का होगा
बात हर बार कुछ ऐसी रही
मस्ताना यहीं का होगा
आदमी को न मय की औकात थी
मयखाना यहीं का होगा
शायर हुआ हो गया मैं "फना"
शायराना यहीं का होगा
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