गुरुवार, 12 अप्रैल 2018

मुरब्बत में

वो जान जोखिम में डाल देते हैं,
मोहब्बत में या मुरब्बत में  । 


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बस एक बार

बस एक बार मुझको,मोहलत तो दीजिये, ऐसे कभी बयां न हो, हसरत तो कीजिये। ऐसे कभी बयां न हो, सोहरत तो दीजिये। ****** कब तक कलम उठा के लिखत...

HMH (hear mind and heart)