रविवार, 14 जनवरी 2018

चोरी-चोरी छत पे...........................

चोरी-चोरी छत पे मिले। .... 

चोरी -चोरी छत पे मिले 
ऊपर से हमें चाँद देखा करे 
कोई रिश्ता है उनका चाँद से 
वो आयें तो चाँद आया करे

था अँधेरा बहुत रात को फिर भी यारों
चाँदनी चाँद की आ जाया करे 
कोई रिश्ता है। ......... 

ओढ़ी है  बादल को चादर बनाकर 
जब चाँद को शर्म आया करे 
कोई रिश्ता है......... 

न ज़माने का डर न किसी का "फ़ना" 
जब साथ में चाँद आया  करे 

चोरी -चोरी छत पे मिले ,
ऊपर से हमें चाँद देखा करे
कोई रिश्ता है उनका चाँद से 
वो आये तो चाँद आया करे 
ख्याल :-By-Akshay Ranjan "Fanaa"

Fanaa's Remembrance(HMH) 

1 टिप्पणी:

बस एक बार

बस एक बार मुझको,मोहलत तो दीजिये, ऐसे कभी बयां न हो, हसरत तो कीजिये। ऐसे कभी बयां न हो, सोहरत तो दीजिये। ****** कब तक कलम उठा के लिखत...

HMH (hear mind and heart)