शुक्रवार, 23 मार्च 2018

दिल में तस्वीर.........

दिल में तस्वीर छुपाये फिरता हूँ 
रब का दर है,बार-बार गिरता हूँ 

झुक के समझो खुदा की रहमत को 
न मैं डरा हूँ न किसी से डरता हूँ 

दिल का सौदा है किसी से कर आओ 
उसी से जीता हूँ  उसी पे मरता हूँ 

हम भी शायर है ग़ज़ल  भी होंगे "फना" 
आँखों में पानी नहीं लाल लहू भरता हूँ 
HEAR MIND AND HEART

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बस एक बार मुझको,मोहलत तो दीजिये, ऐसे कभी बयां न हो, हसरत तो कीजिये। ऐसे कभी बयां न हो, सोहरत तो दीजिये। ****** कब तक कलम उठा के लिखत...

HMH (hear mind and heart)