रविवार, 15 अप्रैल 2018

शहर सुनसान क्यों

शहर सुनसान क्यों,गलियां वीरान हो गए,  
मुझे आज लगता है सब भगवान हो गए। 
खबर तो होता मौसम सूरज चाँद तारों का 
लगता है इसीलिए सब आसमान हो गए। 

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बस एक बार

बस एक बार मुझको,मोहलत तो दीजिये, ऐसे कभी बयां न हो, हसरत तो कीजिये। ऐसे कभी बयां न हो, सोहरत तो दीजिये। ****** कब तक कलम उठा के लिखत...

HMH (hear mind and heart)