शुक्रवार, 19 जनवरी 2018

ऐसे न करो.......


    🅰🅺🆂🅷🅰🆈 🆁🅰🅽🅹🅰🅽


     ऐसे न करो मेरी जां अभी,

     मैं कभी भी कहीं न मर जाऊंगा। 
हो तमन्ना मेरी दिलकशी दिलनबी, 
तुझको खोकर कहीं न बिखर जाऊंगा। 
मैं कभी भी कहीं न मर जाऊंगा।.......




प्यार करते तुम्हीं से ,चाह है अब तुम्हीं से 

         तुम्हें याद करते गुजर जाऊंगा। 
मैं कभी भी कहीं न मर जाऊंगा।......


वक़्त का क्या कहें,जो ठहरता नहीं,

तुम हो मौसम नहीं जो बदलते रहे ,
 करके वादे नहीं मैं मुकर जाऊंगा। 
मैं कभी भी कहीं न मर जाऊंगा।......


प्यार में दर्द होता, हुआ है यकी,

गुजरी पास से और वो न तकी,
  वो न मिली तो,मैं मर जाऊंगा। 
मैं कभी भी कहीं न मर जाऊंगा।....


जिंदगी ही मेरी,बेवफा हो गयी 

समां जलकर धुआँ अब हवा हो गई 
जुदा दिलसे कभी भी ,न रह पाउँगा। 
मैं कभी भी कहीं न मर जाऊंगा।.........
aise na kro meri jaan abhi.....
mai kabhi bhi kahin na mar jaunga.....

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बस एक बार मुझको,मोहलत तो दीजिये, ऐसे कभी बयां न हो, हसरत तो कीजिये। ऐसे कभी बयां न हो, सोहरत तो दीजिये। ****** कब तक कलम उठा के लिखत...

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