शुक्रवार, 2 अगस्त 2019

बस एक बार

बस एक बार मुझको,मोहलत तो दीजिये,
ऐसे कभी बयां न हो, हसरत तो कीजिये।
ऐसे कभी बयां न हो, सोहरत तो दीजिये।
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कब तक कलम उठा के लिखता रहूँगा मैं,
कुछ ऐसे वारदात का कुर्बत तो कीजिये।
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जाती, धरम या मजहब सबसे बड़ा है क्या,
इंसानियत समझने की जुर्रत तो कीजिये।
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 पत्थर खुदा हो गए आदमी की बात क्या 
औरऔरों की जरा खिदमत तो कीजिये

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बिक जाते हैं सब यहाँ मान लीजिये हुजूर, 
बस एक बार सोचके कीमत तो दीजिये ।
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TO WRITE SENTENCES..... WORDS ARE
तोहत,सोहबत,रहमत,बरकत,हरकत,ज़ुल्मत,
कीमत,हिम्मत,मेहनत , 



बंद कमरे में जो भी सोता है,
जो भी हस्ता है वो भी रोता है।

कोई कब तक उदास बैठेगा
नाम करके नबाब होता है।

नसीब का दोष है चाहे तुम कुछ व कहो
इंसान भी कभी जानबर होता है।


बस एक बार

बस एक बार मुझको,मोहलत तो दीजिये, ऐसे कभी बयां न हो, हसरत तो कीजिये। ऐसे कभी बयां न हो, सोहरत तो दीजिये। ****** कब तक कलम उठा के लिखत...

HMH (hear mind and heart)