रविवार, 25 मार्च 2018

जिन्दा-दिली से ........

बातें जीने -मरने का करते  हैं  बहुत,
जिन्दा-दिली से ज़िन्दगी जीने वाले।

मुआफ  र देते हैं सारे गुनाह मेरे 
उन्हें जल्दी है खुदा मिलने वाले 


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बस एक बार मुझको,मोहलत तो दीजिये, ऐसे कभी बयां न हो, हसरत तो कीजिये। ऐसे कभी बयां न हो, सोहरत तो दीजिये। ****** कब तक कलम उठा के लिखत...

HMH (hear mind and heart)