शुक्रवार, 2 अगस्त 2019

बंद कमरे में जो भी सोता है,
जो भी हस्ता है वो भी रोता है।

कोई कब तक उदास बैठेगा
नाम करके नबाब होता है।

नसीब का दोष है चाहे तुम कुछ व कहो
इंसान भी कभी जानबर होता है।


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बस एक बार मुझको,मोहलत तो दीजिये, ऐसे कभी बयां न हो, हसरत तो कीजिये। ऐसे कभी बयां न हो, सोहरत तो दीजिये। ****** कब तक कलम उठा के लिखत...

HMH (hear mind and heart)