शुक्रवार, 9 मार्च 2018

कशिश-ए-दिल की

Kashis-a-dil ki tapish kabhi mit jataDil lgane se gum-e-dil mit jata.कशिश-ए-दिल की तपिश कभी  मिट जाता दिल लगाने से गम-ए-दिल  मिट जाता 

Jo dil lgaya hi nahi use kya ptaDil milte hai to kya kya mit jata

जो दिल लगाया ही नहीं उसे क्या पता 
दिल मिलते है तो क्या-क्या मिट जाता 


Meri chaht nahi jism-e-pyali kvi
Dil ka tarash jo kavi mit jata
मेरी चाहत नहीं जिस्म-ए-प्याली कभी 
दिल का तरस जो कभी मिट जाता 

Pyar pooja hai to karta hu mai
Dil badalne se kya rista mit jata..
प्यार पूजा है तो करता हु मैं 
दिल बदलने से क्या रिश्ता मिट जाता 

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